PHOTO GNS
GNS RAJOURI NOV 2: नए बस अड्डे पर बुधवार को तारकोल बिछाने गए नगरपरिषद के कर्मचारियों व अधिकारियों को भूमि मालिकों के विरोध का सामना करना पड़ा। भूमि मालिकों ने जमीन का मुआवजा कम देने का आरोप लगाकर मंत्री व नगरपरिषद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। विरोध देखकर नगरपरिषद अधिकारी मौके से भाग गए। घटना की सूचना मिलते ही जिला आयुक्त मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को शांत कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
सलानी पुल के पास बने नए बस अड्डे पर बुधवार को तारकोल बिछाया जाना था, जिसका उद्घाटन स्थानीय विधायक व बिजली राज्यमंत्री शब्बीर अहमद खान के हाथों से होना था। इस संबंध में जब स्थानीय लोगों को सूचना मिली तो जमीन मालिक मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भूमि का कम मुआवजा देने का आरोप लगाकर तारकोल डालने का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें बस अड्डे पर दुकानें देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं किया गया।
जमीन मालिक बद्रीनाथ, रशीद अहमद व एजाज अहमद ने बताया कि 2003 में जिला आयुक्त एमके द्विवेदी ने वादा किया था कि जमीन देने वालों को 37 दुकानें बस अड्डे पर दी जाएगी, लेकिन लोगों को एक भी दुकान नहीं दी गई। उन्होंने दुकान की लालच में 13 हजार रुपये मरले के हिसाब से जमीन दिया था, लेकिन अभी तक पूरी राशि का भी भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे बस अड्डे का कार्य शुरू नहीं होने देंगे। मंत्री को इस संबंध में जानकारी मिली तो वह उद्घाटन करने के लिए आए ही नहीं। वहीं, जिला आयुक्त गुलाम अहमद ख्वाजा मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को शांत करवाया। इसके बाद नगरपरिषद के अधिकारियों ने थाने में लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
सलानी पुल के पास बने नए बस अड्डे पर बुधवार को तारकोल बिछाया जाना था, जिसका उद्घाटन स्थानीय विधायक व बिजली राज्यमंत्री शब्बीर अहमद खान के हाथों से होना था। इस संबंध में जब स्थानीय लोगों को सूचना मिली तो जमीन मालिक मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भूमि का कम मुआवजा देने का आरोप लगाकर तारकोल डालने का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें बस अड्डे पर दुकानें देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं किया गया।
जमीन मालिक बद्रीनाथ, रशीद अहमद व एजाज अहमद ने बताया कि 2003 में जिला आयुक्त एमके द्विवेदी ने वादा किया था कि जमीन देने वालों को 37 दुकानें बस अड्डे पर दी जाएगी, लेकिन लोगों को एक भी दुकान नहीं दी गई। उन्होंने दुकान की लालच में 13 हजार रुपये मरले के हिसाब से जमीन दिया था, लेकिन अभी तक पूरी राशि का भी भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे बस अड्डे का कार्य शुरू नहीं होने देंगे। मंत्री को इस संबंध में जानकारी मिली तो वह उद्घाटन करने के लिए आए ही नहीं। वहीं, जिला आयुक्त गुलाम अहमद ख्वाजा मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को शांत करवाया। इसके बाद नगरपरिषद के अधिकारियों ने थाने में लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
Comments
Post a Comment